Breaking

Sunday, 28 July 2019

चाँद पर उतरने की अनोखी कहानी || Apollo 11 moon landing history in hindi

चाँद पर उतरने की अनोखी कहानी || Apollo 11 moon landing history in hindi 


चाँद पर उतरने की अनोखी कहानी, Apollo 11 moon landing history in hindi


50 साल पहले 20 जुलाई 1969 को पहली बार अमेरिका ने पहली बार किसी इंसान को चाँद पर भेजनें मे सफलया हासिल की थी | वो पल इस मिशन से जुड़े सभी लोगो के लिए ऐतिहासिक पल था, जो मानव जाती की सोच को पूरी तरह से बदलने वाली थी | और आज  इतने साल बाद भी उस मिशन की स्मृतिया ताज़ा है |

तकनीशियन लेर्री हेब ने कहा 50 साल बाद भी आज उस पल का एहसास वैसा ही है | अपोलो 11 वो अंतरिक्ष यान था, जिसमे दुनिया के सबसे पहले व्यक्ति नील आर्मस्ट्राँग ( Neil A. Armstrong) और बज़ एल्ड्रिन (Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr.) को 10 जुलाई 1969 को उतरा गया था | 

संयुक्त राज्य अमेरिका का यह मिशन मानव इतिहास और अंतरिक्ष अनुसन्धान के इतिहास मे एक बड़ी उपलब्धि के रूप मे देखा जाता है | अपोलो 11 वो पहला मानव अभियान था, जो चन्द्रमा पर उतरा था | ये अपोलो 11 की पाँचवी उड़ान थी, और चन्द्रमा तक मानव की तीसरी उड़ान थी |

16 जुलाई 1969 को अपोलो 11 से कमांडर नील आर्मस्ट्रांग नियंत्रण चालक Michael Collins और चंद्रयान ईगल चालक बज़ एल्ड्रिन गए थे | 20 जुलाई 1969 को आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चन्द्रमा पर कदम रखने वाले पहले मानव बने |

इस अभियान ने अमीरीकी राष्ट्रीयपति 1960 के दशक मे चन्द्रमा पर मानव को भेजनें के सपने को पूरा किया था, जिससे की अमेरिका वो पहला देश बना जिसने मानव को चन्द्रमा पर भेजनें मे सबसे बड़ी सफलता हासिल की थी | ये पल 20 शताब्दी का सबसे महत्वपूर्ण पल मे से एक था | जिसमे मानव पहली बार चाँद पर पहुंचा था | 

इस पल को प्रक्षेपड़ निकट मे करीब 10,000 अमीरीक लोगो ने अमेरिकी राज्य्मार्ग समुन्द्र किनारे से अपनी आँखो से देखा था | इसके अलावा 60 करोड़ लोगो ने टीवी पर इसका इसका सीधा प्रसारण देखा | 

ये पल अपने समय का सबसे महत्वपूर्ड पल था, जिसमे सभी लोगो की नज़र इस मिशन पर थी | इन्ही सब से अलग अमेरिका के राष्ट्रीयपति इस मिशन को वाइट हॉउस मे बैठ कर सीधा प्रसारण देख रहे थे | 

अपोलो 11 को Saturn V SA-506 रॉकेट के द्वारा 16 जुलाई 1979 को सुबह के 9:32 मिनट पर लॉन्च किया गया था | ये पृथ्वी की कक्षा मे 12 मिनट मे ही प्रवेश कर गया था | पृथ्वी की एक और परिक्रमा करने के बाद SIVV तृतीय चरड़ के रॉकेट ने उसे चन्द्रमा पर पथ पर डाल दिया |

उसके 30 मिनट बाद मुख्य अंतरिक्ष यान Saturn V SA-506 रॉकेट के अंतिम चरण से अलग हो गया | और चंद्रयान ईगल को लेकर चन्द्रमा की और रवाना हो गया | 19 जुलाई को अपोलो 11 चन्द्रमा के पीछे पहुंच गया और अपने एक रॉकेट के सिस्टम की सहायता से चन्द्रमा की कक्षा मे प्रवेश कर गया |

चन्द्रमा की कुछ अगली परिक्रमाओ मे यात्रियों ने चंद्रयान ईगल के उतरने की जगह का निरिक्षण किया उतरने के लिए Sea of Tranquility का चयन किया गया | इस जगह को इसलिए चूना गया था, क्यूकी ये एक समतल जगह थी | 

20 जुलाई 1969 को चंद्रयान जिसे की इस मिशन मे ईगल नाम दिया गया था, मुख्य यान कोलम्बिआ से अलग हो गया था | Michael Collins अकेले कोलंबिया मे थे, और ईगल का निरिक्षण कर रहे थे,  कि उसको कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है | Neil A. Armstrong और Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr. ने ईगल के जट डाउन इंजन को स्टार्ट कर दिया |

और धीरे-धीरे चन्द्रमा पर उतरने लग गए, जैसे ही यान के चंद्रमा पर उतरने कि परिक्रमा शुरू हुई  Neil A. Armstrong ने अपने यान से दूर जाने का संकेत भेजा | ईगल अपने निर्धारित पथ से 4 सेकंड आगे था | जिसका मतलब ये था कि अपने निर्धारित जगह से मिलो दूर उतरेगा | ईगल कंट्रोलर और डायरेक्शन कंप्यूटर ने खतरे के संकेत देने शुरू कर दिए जिससे कि Neil A. Armstrong और Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr. जो खिड़की से बाहर देखने मे व्यस्त थे | तभी उनका ध्यान कंप्यूटर कि ओर गया |

खतरे के संकेत के बावजूद भी उन्हें सुचना मिली कि यान को उतरा जा सकता है | कंप्यूटर सिर्फ खतरे का सुचना दे रहा है, जबकि यान को कुछ भी नहीं हुआ है | Neil A. Armstrong का ध्यान बाहर कि ओर गया  और उन्होंने देखा की कंप्यूटर यान को बड़े-बड़े गड्ढो और चट्टानों की ओर ले जा रहा है | 

Neil A. Armstrong सुचना प्रालि को बंद कर यान को अपने नियंत्रण मे लिया | और Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr. की सहायता से 20 जुलाई को 8:17 मिनट पर ईगल को चन्द्रमा की सतह पर उतार लिया |  


उस समय डाउन इंजन मे 14 सेकंड का ही ईंधन बचा हुआ था | Neil A. Armstrong ने अपोलो 11 के उतरने के स्थल को ट्रैंक्विलिटी बेस का नाम दिया था |  यान से उतर कर बाहर की गतिविधिया प्रारम्भ करने से पहले Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr ने सन्देश प्रसारण किया | 

मै चंद्रयान का चालक हू इस प्रसारण को सुन रहे सभी लोगो से निवेदन की वो एक छन मौन रह कर इस मिशन पर हुई सभी घटनाओ का अवलोकन करे और ईश्वर का धन्यवाद करे | 21 जुलाई के रात के 2:46 मिनट पर चन्द्रमा पर चंद्रयान के उतरने के 6 घंटो बाद  Neil A. Armstrong ने चन्द्रमा पर कदम रखे |

इंसान का ये छोटा सा कदम है लेकिन इंसानियत के लिए ये एक बहुत बड़ी छलांग है | Neil A. Armstrong और Edwin E. "Buzz" Aldrin, Jr. ने अगले दो घंटो तक तस्वीरे लेने और गड्डो के नमूने जमा करने और पत्थर जमा करने मे लगाए, ताकि वे इन सभी नमूनों को वापस धरती पर ले जाए और चद्रमा का अध्यन कर सके |

इसके बाद उन्होंने अर्ली अपोलो साइंटिफिक पैकेज की स्थापना की और अमेरिकी ध्वज लहराने की तयारिया शुरू कर दी | इसके लिए उन्होंने निर्धारित 2 घंटो से ज्यादा का समय लगाया | तैयारी के बाद तकनीकी बाधा और खराब मौसम के बावजूद सारे दुनिया मै चद्रमा से सीधा प्रसारण शुरू हो गया |

जो की ब्लैक एंड वाइट था जिसे करीब 60 करोड़ लोगो ने देखा था | Neil A. Armstrong ने अपने यान ईगल की भी तस्वीरे ली जिससे कि उसके चन्द्रमा पर उतरने के बाद उसके हालात की जांच हो सके | इसके बाद उन्होंने धूल और मिट्टी के कुछ और नमूने लिए और अपनी जेब मे रखे |

उन लोगो ने बनाया की उन्हें चन्द्रमा पर अपने 6-7 कदम चलने के लिए उन्हें पहले से योजना बनानी होती थी | महीन धूल एकदम से पाउडर की तरह थी,  और फिसलन भरी भी थी | दोनों ने चन्द्रमा पर अमरीकी ध्वज लहराए इसके बाद वे अमेरिकी राष्ट्रीपति से फ़ोन पर बाते की |

फिर उन सब ने सारे नमूनों को लेकर वापस आने की तयारी करने लगे | उन्होंने चन्द्रमा पर अमीरीकी ध्वज और बहुत सारे उपरकण के साथ एक प्लेट छोड़ के आए थे | इस प्लेट पर पृत्वी का चित्र अंतरिक्ष यात्रियों एवं राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और एक वाक्य था |

ईगल के वापस कोलम्बिया से जुड़ने के बाद वापस पृथ्वी की यात्रा प्रारम्भ हो गई | 24 जुलाई को अपोलो 11 पृथ्वी पर लौट आया यान प्रशांत महासागर मे गिरा उसे USS फोरनेट ने उठाया उनके स्वागत के लिए राष्ट्रीयपति निक्सन स्वयं जहाज मे थे |

उसी शाम इन सबके स्वागत के लिए पार्टी का आयोजन भी किया गया | जिसमे अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य, 44 गवर्नर, मुख्य न्याधीश, और 83 देशों के राजदूत आए थे |

यात्रियों को अमीरीकी सर्वोच्य सम्मान प्रेसिडेंसी मेडेल ऑफ़ फ्रीडम दिया गया | उस समय ये तीनो अंतरिक्ष यात्री रातो रात मशहूर हो गए | बाद मे ये तीनो अंतरिक्ष यात्री शांति का संदेश देने के लिए पूरी दुनिया के दौरे पर निकल गए | इन्होने 24 देशों की यात्राए की और लगभग 10 करोड़ लोगो ने इन्हे देखा 

No comments:

Post a Comment