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Monday, 29 July 2019

डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 133 वी जयंती पर google ने अपने डूडल पर सम्मान दिया है | जानिए डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे मे

डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 133 वी जयंती पर google ने अपने डूडल पर सम्मान दिया है | जानिए डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे मे 

डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 133 वी जयंती पर google ने अपने डूडल पर सम्मान दिया है, जानिए डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे मे


दोस्तों आज का पोस्ट एक ऐसी महिला के बारे मे है जिन्होंने महिलाओ के हक के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया | और पूरी दुनिया को दिखा दिया कि महिला भी किसी से कम नहीं है | और पुरुष के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकती है | दोस्तों मै बात कर रहा हू, देश की पहली महिला विधायक डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी, जिनकी 133 वर्ष जयंती पर गूगल   ने अपने डूडल पर उन्हें सम्मान दिया है |

muthulakshmi reddy
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तो दोस्तों इस पोस्ट के जरिए हम डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे मे जानेंगे कि ऐसा क्या है, जो गूगल ने अपने डूडल पर उन्हें सम्मान दिया है | 

दोस्तों डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 30 जुलाई 1886 को तमिलनाडु के पुडुकोट्टई मे हुआ था | उन्हें बचपन से ही पढ़ाई मे अपनी अलग ही रूचि रही थी | लेकिन महिला होने कि वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई करने के लिए बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था | डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के पिता का नाम एस. नारायण स्वामी जो कि चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थे | और उनकी माता का नाम चंद्रामाई था | 

चंद्रामाई अपनी बेटी मुथुलक्ष्मी रेड्डी को उच्च शिक्षा देना चाहती थी, लेकिन मुथुलक्ष्मी महिला होने के कारण उन्हें अपनी उच्च शिक्षा के लिए समाज के तनो का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी बेटी मुथुलक्ष्मी रेड्डी को समाज से लड़ कर उन्हें उच्च शिक्षा देने के लिए समाज से लड़ी |

इतना ही नहीं वे अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए लड़को के स्कूल मे अपनी पढ़ाई कि, क्यूकि उस समय महिलाओ को कोई भी पढ़ाया नहीं करना था | लेकिन वह इस भेदभाव को भी खत्म कर दी जो कि आज हमें देखने को मिलता है |

फिर वे आगे चलकर डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी ऐसी पहली छात्रा बनी जो कि महाराजा कॉलेज और मद्रास मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े कॉलेज से डिग्री लेनी वाली पहली महिला बनी |

अपनी मेडिकल ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सरोजनी नायडू से मिलने का मौका भी मिला | सरोजनी नायडू से मिलने के बाद वे उनसे काफ़ी प्रभावित हुई और वे महिलाओ के हक़ के लिए डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने लड़ना शुरू कर दिया | 

उनकी पढ़ाई के प्रति अच्छी रूचि होने और देश के लिए कुछ करने के लिए उन्हें इंग्लैंड जाकर आगे कि पढ़ाई करने का भी मौका मिला लेकिन वे वहा नहीं गए और महिलाओ के हक के लिए वूमेंस इंडियन असोसिएशन के लिए काम करना शुरू कर दिया |

फिर आगे चल कर डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी को सन 1927 मे मद्रास लेजिस्लेटिव काउंसिल से उन्हें देश की पहली महिला  विधायक बनाया गया |

देश के प्रति अपना योगदान देने और महिलाओ के अधिकार के लिए लड़ने के लिए उन्हें 1956 मे पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चूका है | 

22 जुलाई सन 1968 को 81 वर्ष की उम्र मे उनकी मृत्यु हो गई थी |

हर साल 30 जुलाई को उनकी वर्षगांठ के रूप मे मनाया जाता है, और महिलाओ के प्रति अपना महत्वापूर्ण योगदान देने के लिए 30 जुलाई को हॉस्पिटल डे के रूप मे भी बनाया जाता है |

गूगल ने उनकी 133 वी जयंती पर उन्हें सम्मान देने के लिए अपने डूडल पर उनकी तस्वीरे लगाई है |

दोस्तों उम्मीद करता हू आपको मेरा यह पोस्ट अच्छा लगा होगा अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद 

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