1857 के विद्रोह के कारण || क्या होता अगर भारत 1857 मे ही आजाद हो जाता || 1857 का विद्रोह
दोस्तों आज ये बात हर कोई जनता है, कि भारत को आजादी 14 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकुमत से आजाद हुआ था | लेकिन दोस्तों ये पहली बार नहीं था, ज़ब भारतीयों ने अंग्रेजो के खिलाफ आवाज़ उठाई थी | युद्ध लड़ी और क़ुरबानीया दी और हजारों वीर सपूतो ने अपना बलिदान दिया |
भारत ने अपनी पहली लड़ाई कब लड़ी?
भारत इससे भी बहुत पहले आजादी की लड़ाई लड़ा था | लेकिन उस समय भारतीयों को सफलता नहीं मील सकी थी | और अंग्रेजो द्वारा उस विद्रोह को दबा दिया गया था | दोस्तों ये विद्रोह हुआ था, सन 1857 मे ये विद्रोह ज्यादा दीन तक नहीं चल पाई |क्या अपने कभी सोचा है? कि अगर हम अपनी पहली ही लड़ाई जो कि 1857 मे हुई थी, उसी लड़ाई मे जीत जाते तो आज का हमारा भारत कैसा होता | दोस्तों आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले है |
पहली लड़ाई मे भारत सफल क्यू नहीं हो पाई थी?
भारत ने अपनी पहली लड़ाई सन 1857 मे लड़ी गई थी, लेकिन इस लड़ाई को अंग्रेजो द्वारा आसानी से दबा दिया गया था | भारतीयों द्वारा कि गई पहली लड़ाई मे उन्हें सफलता नहीं मील पाई थी, उनसे मुख्य कारण ये थे |
1.डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स
डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स के जरिए अंग्रेजो द्वारा ये हुकुमत जारी किया गया कि अगर किसी राजा या रानी का पुत्र गोद लिया गया होगा तो वह शाशक नहीं बन सकेगा और वो राज्य अंग्रेजो के अंतर्गत उनके अधीन हो जएगा या यू कहे हो अंग्रेजो के कब्जे मे आ जाएगा |
2.रियासतो का एकीकरण
जिन राज्यों पर राजा साशन करते थे, उन राजाओं को अंग्रेजो के साथ मिलकर साशन करना होगा | और उन्हें अंग्रेजो को टेक्स देना होगा इन राज्यों को नाम दिए गए प्रिंसली स्टेट
3.सैनिको के कम वेतन
भारतीय सैनिको को अंग्रेजो द्वारा कम वेतन दिया जाता था |
4.बहुत ज्यादा टेक्स
अंग्रेजो द्वारा भारत वासियो से जरूरत से ज्यादा टेक्स लिया जाता था |
5.किसानो पे अत्याचार
अंग्रेजो द्वारा किसानो पर बहुत ज्यादा अत्याचार किया करते थे | उन्हें अपनी भूमि पर खेती करने के लिए उन्हें कर चुकाना पड़ता था |
6.एनफिल्ड रायफल
एक ऐसी बंदूक जिसका कारतूस गए और सुवर की चर्बी से बनाया जाता था | और जिसके इस्तेमाल के हुक्म से हिन्दू और मुस्लिम सैनिक भड़क उठे |
क्या होता भारत अगर 1857 की क्रांति के वक़्त ही भारत आजाद हो जाता?
दोस्तों ये कुछ मुख्य कारण थे, अब हम आपको बताएंगे की अगर क्या होता भारत अगर 1857 की क्रांति के वक़्त ही आजाद हो जाता |1.अगर भारत 1857 मे आजाद हो गया होता तो भारत एक राज्य होता पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का ही हिस्सा होते |
2.भारत को आजादी दिलाने मे जिन वीरजवानो का खून बहा भारत को वो क़ुरबानीया देने की जरूरत नहीं पड़ती | भारत और पाकिस्तान का विभाजन जिन मासूमों के खून से लिखा गया | वे मासूम उस हत्या का सीकर नहीं होते |
4.कश्मीर मर बवाल नहीं होता, पाकिस्तान और भारत एक होते तो कश्मीर पर बवाल नहीं होता | साथ ही पाकिस्तान मे तालिबान लस्कर जैसे आतंकी संगठन नहीं होता |
5.हमारी शिक्षा बेहतर होती, भारत को अपनी शिक्षा प्रणाली और ज्ञान पर नाज था, लेकिन अंग्रेज उन शिक्षा प्रणाली को इस तरह बदल कर गए की हमें ही अपने संस्कृति पर शर्म आने लगी | अंग्रेजो ने ऐसा इसीलिए किया था, ताकि हम उनसे आगे ना बढ़ सके या फिर उनसे ऊंचे पद पर नौकरी या आदर पा सके | अगर अंग्रेजी शिक्षा भारत पर इतना गहरा असर नहीं डालती तो आज भी हम अपनी सभ्यता से वंचित नहीं होते |
6.भारत का अधिकतर धन 1857 मे अंग्रेजो से हारकर ब्रिटेन की रानी के साशन मे आने के बाद लूटा | अगर हम उस वक़्त आजाद होते तो 1947 के मुकाबले हमारा कई ज्यादा अमीर होता
7.भारत आजाद होकर बहुत पहले ही अपने पैरो पर खड़ा हो जाता और भारत पूरी दुनिया मे सबसे पहले आजाद होने वाले देशों मे से एक होता | अपनी कबीमियत और अपने दम पर आज अमेरिका जैसा हकतवार देश बन गया होता |
8.भारत का औद्योगिककरण बहुत पहले हो चूका होता | और इस वजह से हमारी जी डी पी वृद्धि दर भी अच्छी होती और भारत मे गरीबो कि संख्या बहुत कम होती |
9.अपने न्याय और क़ानून मे भी भारत को काफ़ी अनुभव मील गया होता | जिससे कि क़ानून और न्याय प्रणाली और मजबूत होती | लेकिन 1857 कि क्रांति अंग्रेजो को बहार खदेड़ने के लिए काफ़ी नहीं थी | और भारत वासियो के इस क्रांति मे हारने के कई कारण थे |
आईए डालते है, इसी कारणों पर कुछ नज़र और जानते है कैसे उन कारणों के कारण आजादी मिलने के बाद भी भारत की आजादी मिलने के बाद कैसे बूरा असर पड़ता |
1.ब्रिटेन की सेना उस समय दुनिया की सबसे बड़ी सेना थी | भारत के छोटे छोटे राज्य इतनी बड़ी सेना का सामना नहीं कर सकती थी |
2.कई भारतीय राजाओं ने अपने स्वार्थ के लिए अंग्रेजो का साथ दिया, जिससे की अंग्रेज और भी ताकतवर होते जा रहे थे, और भारत पर अपना दबदबा बढ़ाते जा रहे थे | और इन्ही राजाओं के स्वार्थ के चलते भी 1857 की क्रांति को अंग्रेजो ने आसानी से कुचल दिया |
3.जिन भी राज्यों ने अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी सब ने अलग अलग लड़ी और लड़ने के पीछे उनके कोई स्वार्थ नहीं थे और इसीलिए वे अंग्रेजी ताकत के सामने कमजोर साबित हुए
4.चौथा और आखरी कारण हमारे राजा या क्रांतिकारी अंग्रेजी सेना की तरह ट्रेनेड नहीं थे, और हमारे पास लड़ाई के लिए अच्छी किस्म की बंदूक भी नहीं थे और जो थे वो भी पुराने थे, जबकि अंग्रेजो के हथियार नए टेक्ननोलोजी के थे, ये भी एक कारण था, की अंग्रेज 1857 के विद्रोह को आसानी से कुचल दिए थे |
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